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अगूंण कानी आंख / सांवर दइया
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चौफेर रात रो राज
दडूकै डाकी अंधारो
थर-थर धूजतो म्हैं
रात काटूं
अगूण कानी आंख करियां
चिडकल्यां री चीं-चीं सुण
जी में जी आवै
होळै-होळै भाख फाटै
अगूण में पसरण लागै उजास….