Last modified on 29 दिसम्बर 2010, at 21:29

हर अनहोनी बात बदल दें / कुमार अनिल

Kumar anil (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:29, 29 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: <poem>हर अनहोनी बात बदल दें चलो आज हालत बदल दें सुबह नहीं होनी है जिसक…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

हर अनहोनी बात बदल दें
चलो आज हालत बदल दें

सुबह नहीं होनी है जिसकी
आओ ऐसी रात बदल दें

झूठ लिखे जो सच के माथे
एसा कलम- दवात बदल दें

साथी को गुमराह करे जो
साथी, ऐसा साथ बदल दें

जो दिल में नफरत को घोले
आओ ऐसी बात बदल दें