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बाघ आया उस रात / नागार्जुन

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वो इधर से निकला

उधर चला गया

वो आँखें फैलाकर

बतला रहा था-

हाँ बाबा, बाघ आया था उस रात,

आप रात को बाहर न निकलों!

जाने कब बाघ फिर से बाहर निकल जाए!

हाँ वो ही, वो ही जो

उस झरने के पास रहता है

वहाँ अपन दिन के वक्‍त

गए थे न एक रोज़?

बाघ उधर ही तो रहता है

बाबा, उसके दो बच्‍चे हैं

बाघिन सारा दिन पहरा देती है

बाघ या तो सोता है

या बच्‍चों से खेलता है ...

दूसरा बालक बोला-

बाघ कहीं काम नहीं करता

न किसी दफ़्तर में

न कॉलेज में

छोटू बोला-

स्‍कूल में भी नही ...

पाँच-साला बेटू ने

हमें फिर से आगाह किया

अब रात को बाहर होकर बाथरुम न जाना