Last modified on 10 दिसम्बर 2018, at 15:12

लेखन / अल-सादिक अल-रादी / विपिन चौधरी

अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:12, 10 दिसम्बर 2018 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=अल-सादिक अल-रादी |अनुवादक=विपिन च...' के साथ नया पृष्ठ बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

तुम्हारा हृदय
इस तरह धड़कता है मानो
वह पहले ही मौजूद हो
तुम्हारी देहरी पर,

या जैसेकि
मुझे हो उसका इन्तज़ार
ठीक वैसे ही
जैसे दुपहर के समय
ढेरों पक्षी आकर तुम्हारे दरवाज़े पर
करते हैं प्रहार ।

धैर्य की उम्र,
धड़कता हुआ एक वन ।

अँग्रेज़ी से अनुवाद : विपिन चौधरी