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अहमक लड़की / समृद्धि मनचन्दा

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तुम दो चुटकी धूप
और एक मुश्त रात का
नरम टुकड़ा हो

तुम हो स्थगित उल्लास
और गहन उदासियों का
वनचर गीत

तुम फूलों के लावण्य
और मेघों की तितिक्षा से
प्रोत नदी हो

तुम किसी त्रासदी में
कल्पना का हस्तक्षेप हो
किसी तन्द्रा का अस्ताचल

तुम तथागत का उपदेश
मीरा का गीत
शिव का तीसरा नेत्र हो

अहमक लड़की
तुम हो !
तुम कहो !
तुम अहो !