एक सरल पृष्ठ पर
चाँद ने भेजी कुछ पंक्तियाँ
सूरज के घर
‘‘इतने लम्बे समय के
इन्तज़ार के बाद भी
मुझे शर्म आती है तुमसे पूछने में :
तुम मुझसे निकाह क्यूँ नहीं कर लेते ?’’
और सूरज
जो था महज़ एक तारा
उसने जवाब दिया :
‘‘इतने साल तुमसे छुपते हुए
मैं तुम्हें बताना नहीं चाहता
कि मुझमें हिम्मत नहीं है ।’’