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कहती है इतना न करो तुम इसरार / जाँ निसार अख़्तर

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कहती है इतना न करो तुम इसरार
गिर जाऊँगी ख़ुद अपनी नज़र से इक बार

ऐसी तुम्हें ज़िद है तो इस प्याले में
मेरे लिए सिर्फ छोड़ देना इक प्यार