यह चाँद नया है नाव नई आशा की।
आज खड़ी हो छत पर तुमने
होगा चाँद निहारा,
फूट पड़ी होगी नयनों से
सहसा जल की धारा,
इसके साथ जुड़ीं
यह चाँद नया है नाव नई आशा की।
आज खड़ी हो छत पर तुमने
होगा चाँद निहारा,
फूट पड़ी होगी नयनों से
सहसा जल की धारा,
इसके साथ जुड़ीं