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बन्द और मज़बूत / नवीन सागर

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आधी रात के वक्‍त अपने शहर का रास्‍ता
पराए शहर में भूला

बड़ी भरी शहर और भारी सन्‍नाटा
कोई वहां परिचित नहीं
परिचित सिर्फ आसमान
जिसमें तारे नहीं जरा-सा चॉंद
परिचित सिर्फ पेड़
चिडियों की नींद में ऊंघते हुए
परिचित सिर्फ हवा
रूकी हुई दीवारों के बीच उदासीन

परिचित सिर्फ भिखारी
आसमान से गिरे हुए चीथड़ों से
जहॉं-तहॉं पड़े हुए
परिचित सिर्फ अस्‍पताल कत्‍लगाह हमारे
परिचित सिर्फ स्‍टेशन
आती-जाती गाडियों के मेले में अकेला
छूटा हुआ रोशन

परिचित सिर्फ परछाइयॉं:
चीजों के अंधेरे का रंग
परिचित सिर्फ दरवाजे बंद और मजबूत.

इनमें से किसी से पूछता रास्‍ता
कि अकस्‍मात एक चीख
बहुत परिचित जहॉं जिस तरफ से
उस तरफ को दिखा रास्‍ता

कि तभी
मजबूत टायरों वाला ट्रक मिला
जो रास्‍ते पर था
ट्रक ड्राइवर गाता हुआ चला रहा था
मैं ऊंघता हुआ अपने शहर पहुंचा.