भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
घर के भीतर / ओरहान वेली
Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:24, 26 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=ओरहान वेली |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} Category:तुर्की भाषा …)
|
सबसे अच्छी होती हैं खिड़कियाँ
कम से कम देख तो सकते हैं आप उड़ते हुए परिन्दे
चारों तरफ़ दीवालों को घूरने की बजाए