भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
न कुछ से कुछ / केदारनाथ अग्रवाल
Kavita Kosh से
Dkspoet (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 22:16, 7 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केदारनाथ अग्रवाल |संग्रह=कुहकी कोयल खड़े पेड़ …)
न कुछ से
कुछ
जैसे मैं
जैसे तुम
फिर
कुछ से
न कुछ
न मैं
न तुम
फिर
कुछ-न-कुछ
जैसे सब कुछ :
फूल
पत्ती
पेड़
दुनिया
दरिया
देश
राई
रत्ती
चींटी
शेर
सूरज चाँद सितारे मेघ
रचनाकाल: १९-११-१९७२