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भविष्य की कविताएं / दिनेश कुमार शुक्ल
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तुम तक पहुंच कर
जहां
रोज़ ख़त्म होती हैं
हमारी कहानियां --
शुरू होती हैं
वहीं से
कविताएं भविष्य की ।