भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

डायरी : मार्च'78 (जाल) / अरुण कमल

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 01:45, 14 जून 2007 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} रचनाकारः अरुण कमल Category:कविताएँ Category:अरुण कमल ~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~ सरकार...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रचनाकारः अरुण कमल

~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~*~


सरकारी रिपोर्ट थी...

गोली चलने से सिर्फ़ एक मौत,

वो भी हास्पिटल में

तीन दिन बाद,

पाँच हज़ार मुआवजा

भूल-चूक लेनी-देनी माफ़ !


कल रात मछुआरों ने डाला था जाल--

आज मछली नहीं, निकली तीन लाशें ।