भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

बसंत में शलभ-सी / केशव तिवारी

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 21:13, 26 सितम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=केशव तिवारी |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}} <poem> बसंत में शलभ-सी …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बसंत में शलभ-सी
उड़ने को तैयार वह सोमेश्वर घाटी
पावस में
सीढ़ीदार खेतों के बीच धानी साड़ी पहन
पैर लटकाए बैठी
कोसी से कुछ बतिया रही है ।