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चिकमंगलूर / निरंकार देव सेवक
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एक शहर है चिकमंगलूर,
रहते वहाँ बहुत लँगूर ।
एक बार जब मियाँ गफ़ूर,
खाने गए वहाँ अँगूर ।
बिल्ली एक निकल आई,
वह तो थी उनकी ताई ।
टाँग पकड़कर पटकी दी,
जय हो बिल्ली ताई की ।