भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

तीसरी स्थिति / राजेन्द्र जोशी

Kavita Kosh से
Neeraj Daiya (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 05:12, 27 सितम्बर 2011 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राजेन्द्र जोशी |संग्रह= }} {{KKCatKavita‎}}<poem>उनका मरता है …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

उनका मरता है
जांच बिठायी जाती है
खुद का मरता है
लाश बिछायी जाती है।
एक तीसरी स्थिति भी है
किसी का मरे चाहे कोई
बात तो बात
आह ! तक नहीं निकलती
उफ् करके चुप