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गोपालदास "नीरज"
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गोपालदास "नीरज" की रचनाएँ
गोपालदास "नीरज"
जन्म | 08 फ़रवरी 1926 |
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उपनाम | नीरज |
जन्म स्थान | पुरावली, इटावा, उत्तर प्रदेश, भारत |
कुछ प्रमुख कृतियाँ | |
दर्द दिया, प्राण गीत, आसावरी, बादर बरस गयो, दो गीत, नदी किनारे, नीरज की गीतीकाएँ, नीरज की पाती, लहर पुकारे, मुक्तकी, गीत भी अगीत भी, विभावरी, संघर्ष, नीरज की रचनावली, अंतरध्वनी | |
विविध | |
1991 में पद्मश्री से सम्मानित | |
जीवन परिचय | |
गोपालदास "नीरज" / परिचय |
- आसावरी / गोपालदास "नीरज"
- गीत जो गाए नहीं / गोपालदास "नीरज"
- मधुपुर के घनश्याम अगर कुछ पूछें हाल दुखी गोकुल का / गोपालदास "नीरज"
- दो गुलाब के फूल छू गए जब से होठ अपावन मेरे / गोपालदास "नीरज"
- जलाओ दिये पर रहे ध्यान इतना / गोपालदास "नीरज"
- कारँवा गुज़र गया / गोपालदास "नीरज"
- छिप-छिप अश्रु बहाने वालों / गोपालदास "नीरज"
- पीर मेरी, प्यार बन जा ! / गोपालदास "नीरज"
- धरा को उठाओ, गगन को झुकाओ / गोपालदास "नीरज"
- अंधियार ढल कर ही रहेगा / गोपालदास "नीरज"
- मेरा गीत दिया बन जाए / गोपालदास "नीरज"
- तिमिर ढलेगा / गोपालदास "नीरज"
- तुम दीवाली बन कर / गोपालदास "नीरज"
- मैं तूफ़ानों मे चलने का आदी हूं / गोपालदास "नीरज"
- दूर से दूर तलक एक भी दरख्त न था / गोपालदास "नीरज"
- खग उड़ते रहना जीवन भर / गोपालदास "नीरज"
- मानव कवि बन जाता है / गोपालदास "नीरज"
- जीवन जहाँ / गोपालदास "नीरज"
- अब तुम्हारा प्यार भी / गोपालदास "नीरज"
- नींद भी मेरे नयन / गोपालदास "नीरज"
- कितनी अतृप्ति है / गोपालदास "नीरज"
- तुमने कितनी निर्दयता / गोपालदास "नीरज"
- कितने दिन चलेगा / गोपालदास "नीरज"
- दिया जलता रहा / गोपालदास "नीरज"
- दोहे / गोपालदास "नीरज"
- गीत / गोपालदास "नीरज"
- सारा जग बंजारा होता / गोपालदास "नीरज"
- मैं पीड़ा का राजकुँवर हूँ / गोपालदास "नीरज"
- सारा जग मधुबन लगता है / गोपालदास "नीरज"
- उनकी याद हमें आती है / गोपालदास "नीरज"
- अब तो मज़हब / गोपालदास "नीरज"
- आज मदहोश हुआ जाए रे / गोपालदास "नीरज"