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सूरज भी दुबका (हाइकु) / रमा द्विवेदी

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१-धरा सहमी
सूरज भी दुबका
ठण्ड को देख |

२-पार्टी न जाएं
गर्म लिबास बिना
हंसी उडाएं |

३-जाड़े से पूछा
कहाँ चले हो भाई
गरीब -घर |

४-सर्दी की मार
अमीर कैसे जाने
गरीब जाने |

५-सर्दी गायब
रजाई में लिपटा
सूरज हँसे |

६-शाल-स्वेटर
टोपी व मफलर
सर्दी भगाए |

७-जाड़े की धूप
तन को सहलाए
मन को भाए |

८-सर्द हवाएं
तन को ठिठुराएं
सहा न जाए |<br

९-अलाव जले
हाथ-पाँव सेंकते
कहानी कहें |<br

१०-सड़क खाली
सुनसान-सी पडी
ठण्ड की मारी |

११-मन तरसे
गुनगुनी धूप को
सूर्य भी छुपा |

१२-कहाँ लिखाएं
गुमशुदा -रपट
सूर्य खो गया |

१३-देख न सके
कुहासे भरी भोर
जीवन ठप्प |

१४-तीखी चुभती
नश्तर-सी चुभोती
शीत लहर |

१५-बर्फ ही बर्फ
पानी भी जम गया
ड़ल झील का |