Last modified on 15 अप्रैल 2012, at 15:53

हाइकू / रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु'

Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 15:53, 15 अप्रैल 2012 का अवतरण ('{{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=रामेश्वर काम्बोज 'हिमांशु' |संग्र...' के साथ नया पन्ना बनाया)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)


(1)
खिलखिलाए
पहाड़ी नदी जैसी
मेरी मुनिया’
(2)
तुतली बोली
आरती में किसी ने
मिसरी घोली-
(3)

(4)
बीते बरसों
अभी तक मन में
खिली सरसो
(5)
दर्द था मेरा
मिले शब्द तुम्हारे
गीत बने थे