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मातृभूति मॉरिशस / ब्रजेन्द्र कुमार भगत "मधुकर"

जिस जननी ने जन्म दिया है
उसका रोशन नाम करें
नतमस्तक हो युगल चरण में
बारम्बार प्रणाम करें।

वह है स्वतंत्रता की देवी
उसका नित सम्मान करें
आस्तिकता शुचि थाल सजाकर
प्रेम भाव से ध्यान धरें
श्रद्धा से आरती उतारें
जीवन अपना दान करें
नतमस्तक हो युगल चरण में
बारम्बार प्रणाम करें

वही हमारी आशाओं का
सुखद सुनहरा सपना है
उसकी ही गोदी में पलना
हँसना-खिलना खपना है
शाम-सवेरे धवल नाम को
नेह लगन से जपना है
नतमस्तक हो युगल चरण में
बारम्बार प्रणाम करें।

वही हमारा गंगाजल है
वही हिमालय अपना है
वही हमारा सार्थक सपना
वही शिवालय अपना है
नतमस्तक हो युगल चरण में
बारम्बार प्रणाम करें।

वही हमारे वेद शास्त्र है
गौरव गरिमा गीता है
वही हमारे राधा कृष्ण है
अनुराधा प्रिय सीता है
वहीं हमारे धर्म कर्म है
कीर्ति परम पुनीता है
नतमस्तक हो युगल चरण में
बारम्बार प्रणाम करें।

उसकी रक्षा के हित
प्राण-निछावर करना है
हँसते-हँसते बलि वेदी पर
निर्भयता से चढ़ना है
विजय-निशान हमेशा उसका
नभ में ऊँचा रखना है
नतमस्तक हो युगल चरण में
बारम्बार प्रणाम करें।