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दृढ इन चरण कैरो भरोसो / सूरदास

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कवि: सूरदास


दृढ इन चरण कैरो भरोसो, दृढ इन चरणन कैरो ।

श्री वल्लभ नख चंद्र छ्टा बिन, सब जग माही अंधेरो ॥

साधन और नही या कलि में, जासों होत निवेरो ॥

सूर कहा कहे, विविध आंधरो, बिना मोल को चेरो ॥