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पश्विम पर एक आक्षेप / विपिनकुमार अग्रवाल

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कल यहाँ विस्फ़ोट होगा

प्रकृति के अन्तिम रहस्य का

कल परिचय देगा मानव फिर

अपने खोखले कुँवारेपन और बर्बरता का ।

समझ लो यह शहर की अन्तिम सांझ है

फिर भी न जाने क्यों सब चुप और शान्त हैं

ठोढ़ी छुपाए, कंधे झुकाए, भीड़ की हर इकाई