Last modified on 18 अप्रैल 2012, at 20:49

शब्द / मंगलेश डबराल

Dr. ashok shukla (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:49, 18 अप्रैल 2012 का अवतरण


कुछ शब्द चीखते हैं

कुछ कपड़े उतार कर

घुस जाते हैं इतिहास में

कुछ हो जाते हैं खामोश

(रचनाकाल : 1975)