भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सिंझ्या / भंवर भादाणी

Kavita Kosh से
आशिष पुरोहित (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 12:01, 30 दिसम्बर 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=भंवर भादाणी |संग्रह=थार बोलै / भंवर भादाणी }} [[Catego…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज


आथूण तिसळतो
सूरज
आभै रै तिप्पड़ सूं
दब्या पगां उतरतो,
सातूं रंगा न्हायो-धोयो,
बादळी री इरंडी ओढ़यां
होळे-सी‘क
मनोमन मापै
अर
जोखै
सझांवती आंख रै आर-पार
फैल्योड़ी
सुपनां भरी रेत री
..ऊंड।