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चोरटी उमर / कन्हैया लाल सेठिया
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फिर लियो
आखै गांव में
कोली लाध्यो
म्हारो चैरो !
करै बात वासींदा
कुण है औ अणसैंधो
भुसै देख‘र
गली रा गंडकड़ा
करूं चीत
हुवै न हुवै
ले‘गी चोर‘र
उमर
म्हारो उणियारो
कठै फिरूं सोधतो
पड़ग्यो अबै अंधारो ?