गागर में सागर
जाति के जीवन
हित-गुटके
काम के कलाम
संजीवनी बूटी
जगाने की कला
विपत्ति के बादल
नाड़ी की टटोल
जाति राह के रोड़े
आठ-आठ आँसू
- चार जाति
- चार नाते
- हमारी देवियाँ
- निघरघट
- बेवायें
- नापाकपन
- बेटियाँ
- बेजोड़ ब्याह
- बूढ़े का ब्याह
- कच्चे फल
- लथेड़
- लताड़
जन्मलाभ
पारस परस
जी की कचट