भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मनाली मत जइयो / अटल बिहारी वाजपेयी

Kavita Kosh से
Sumitkumar kataria (चर्चा) द्वारा परिवर्तित 17:12, 29 अप्रैल 2008 का अवतरण (हिज्जे)

यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मनाली मत जइयो, गोरी
राजा के राज में।

जइयो तो जइयो,
उड़िके मत जइयो,
अधर में लटकीहौ,
वायुदूत के जहाज में।

जइयो तो जइयो,
सन्देसा न पइयो,
टेलिफोन बिगड़े हैं,
मिर्धा महाराज में।

जइयो तो जइयो,
मशाल ले के जइयो,
बिजुरी भइ बैरिन
अंधेरिया रात में।

जइयो तो जइयो,
त्रिशूल बांध जइयो,
मिलेंगे ख़ालिस्तानी,
राजीव के राज में।

मनाली तो जइहो।
सुरग सुख पइहों।
दुख नीको लागे, मोहे
राजा के राज में।