भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
तेरा वह अनुरोध / अनातोली परपरा
Kavita Kosh से
|
"मर रहे हैं हम सब"--
यह कहा तूने कुछ ऎसे
कर रही हो मुझ से तू यह अनुरोध जैसे
स्वर्ग तुझे जाने दूँ
मैं अपने से पहले
और कह रही हो मुझ से
तू इस नरक में ही रह ले