भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

सम्वाद / मोहनजीत

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:21, 15 जनवरी 2008 का अवतरण (New page: {{KKGlobal}} {{KKAnooditRachna |रचनाकार=पंजाबी के कवि |संग्रह=आज की पंजाबी कविता / पंजाबी के ...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

मुखपृष्ठ  » रचनाकारों की सूची  » रचनाकार: पंजाबी के कवि  » संग्रह: आज की पंजाबी कविता
»  सम्वाद

वो तो एक पीर था
जो दूजे पीर से मिला
एक के पास दूध का कटोरा था- मुँह तक भरा
दूसरे के पास चमेली का फूल
माथों के तेज से
वस्तुएं अर्थों में बदल गईं

हम तो चलती हुई राह हैं
किसी मोड़, किसी चौराहे पर मिलते हैं
एक-दूजे के पास से गुजर जाते हैं
या एक-दूजे से बिछुड़ जाते हैं

वो भी एक चुप का दूसरी चुप से संवाद था
यह भी एक चुप का दूसरी चुप से संवाद है।