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मामा / अमरेन्द्र
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पेट बराबर फुललोॅ गाल
मामा चलै दुलत्ती चाल
झापड़ोॅ माथोॅ बढ़लोॅ चूल
जैमें पाँच पसेरी धूल
पढ़ै-लिखै में अजगुत खेल
नौमी में नौ दाफी फेल
रौदिये में घूमै छै मामा
भैगने केॅ धूनै छै मामा
दिन भर मारै घर में मूसोॅ
माथा में भरलोॅ छै भूसोॅ ।