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माडूराम / जनकराज पारीक

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लीरां-लीरां सीम जमारो माडूराम
जिनगाणी नै सज-सिणगारौ माडूराम
भूख गरीबी बिखै भीड़ रो
थारै घर में बासो रे,
सबद सुहाणा घस-घस देवै
थानै मीठो घासो रे।
लेतो रहसी कद ताईं लारो माडूराम।
मीठी नै मत दे हुंकारो माडूराम!!
आंख्या आंसू पीड़ काळजै
होठां हुकम हजुरी रे,
कद ताईं सहसी कितरकार री
मै नत अर मजदुरी रे?
हाकम सा रो हुकम करारो माडूराम।
कद ताई करसी तूं सिरधारो माडूराम !!
किण ताई करसी चोर-लुटेरा
था सूं सीना जोरी रे?
अन्न-धन लिछमी बांध राखसी
कद ताई सहसी किरतकार री
मै नत अर मजदुरी रे?
हाकम सा रो हुकम करारो माडूराम।
कद ताई करसी तूं सिरधारो माडूराम
किण ताईं करसी चोर-लूटेरा
था सूं सीना जोरी रे,
अन्न धन लिछमी बांध राखसी
कद ताई साह तिजोरी रे?
सबद-बाण रो दे टणकारो माडूराम।
खून पिवणियां नै ललकारो माड़ूराम।।