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देसूंटो-7 / नीरज दइया

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थारै मांय
सगळा रंग म्हारा
कैयो थूं-
हुवै रंग हजार
पण कठै-कठै
थारै लारै
नीं रैयो अठै
कोई रंग सांवरा

म्हारा सगळा रंग
थारा है सांवरा
अर थारो अेक रंग
म्हैं हूं सांवरा

रंग हुवै न्यारा-न्यारा
हुवै न्यारा-न्यारा
बां रा सबद
बां रा अरथ
बां रा सुपना
आर बां रा सांच

आभै रै सबदकोस सूं
आवै सगळा-रा-सगळा सबद
अर बां रा सुपना
पण केई-केई वळा
सगळा-रा-सगळा सबद
पड़ जावै ओछा

नीं पूंगै टैमसर
जद कोई जोड़ीदार
सबद, अरथ अर सुपनो
तद लखावै
फगत सुपनां खातर ईज नीं
सबदां खातर ईज कायम है
आभै रै आंगणै
कोई जेळ

केई सबदां खातर
सबदकोस ई बण जावै-
जेळ

सबदकोस मांय-
बै भोगै देसूंटो

जद सबदां नै
तेड़ै सिरजक
बै दूर जावै-
लेय परा अरथ
आपो आप रो अरथ

म्है हूं सबद थारो
का हूं म्हैं कोई-
अरथ थारो
लियां थारो सुपनो
थारो सांच
अर थारो ई आधार

म्हैं दुनिया रै
सबदकोस मांय
दीसत मांय दीसूं
साव अरथ-बिहूणो

अठै आयो
म्हैं अरथ-बिहूणो
तेड़ैला थूं म्हनै
साव अरथ-बिहूणो

म्हनै आभो सूंप्या सबद
म्हैं म्हारी धरती
बीज्या सबद-सबद
तद धरती सूं मिल्या
अरथ-अरथ
अरथ मांयला अरथ

बिराजै सुपना
उजास रै आसण
सबद री आंख मांय

जिण देस मांय है-
सुपना रो सांस-घर
उण देस री
धरती म्हारी
आभो म्हारो

म्हारै मुलक रै आभै-
मुलकाबायरा आभा !
म्हनै बधायो थूं-
किणी न पतंग री गळाई

म्हैं करूं जिंयां करै
सगळा-रा-सगळा सागी करतब
दरपण मांयली दुनिया
बठै छिब म्हारी
अदीठ डोर सूं
बंध्योड़ी रैवै
नीं लेवै कोई फैसलो
म्हैं पूगूं बठै
उण देस मांय
ओ देस अेक दरपण है
इण री ठाह हुवै
अर ठाह नीं हुवै

ओळख कोनी
सांस-घर रै आभै री
जोवूं आभो
पण बठै है आभो
म्हारो बा आभो
जिको सूंपै-
सांस नै सांस
अर जिण सूं
पावै प्राण
म्हारा सुपना

जाणूं सुपनां अर सांस सूं
थूं ढाळ्यो म्हनै-
ओलै-छानै
जद पूग्यो म्हैं
सांस रै सुपनै मांय
थूं फूंक्या प्राण

थनै रंग
थारै अदीठ परस
दिन च्यार ई सही
सांस रै देस
हुयो म्हारो आपरो
कोई सुपनो

पज्योड़ो हूं म्हैं अठै-
अजब आडी मांय
थूं नीं रैय सकै
चांकैसर थारै

थूं जाणै अरथ
थूं है म्हारै देस रो-
पैलो सबद
पैलो सुपनो
पैली सांस

है धणियाप थारो-
सगळै सबदां माथै
सुपनां माथै
अर सांसां माथै
इण री ठाह हुवै
अर ठाह नीं हुवै

सबद म्हनै सुळझावै
सबद नीं उळझावै

इण देस मांय-
उळझावै अरथ
अरथ मांयलो अरथ
अठै उळझाव अरथ रो है

उळझावै सुपना
सुपनां मांयला सुपना
अठै उळझाव सुपनां रो है

सांस रै उळझाव मांय
नित उळझै
मरै, जीवै, मर-मर नैं जीवै
म्हारै मांयला मिनख

अै सबद है
जिका भरमावै
केई-केई वळा लखावै
कै खूटग्यो आं रो अरथ
बो नीं लेवै सांस
गयो कठैई
घर छोड आपरो

पण अरथ नीं जाय सकै
कठैई छोड सूनो
आपरै सबद-घर नैं
अर जे जावै
तद ईज खाली नीं रैवै-
कोई सबद-घर