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तुम्हारा चेहरा है मातमी / गुन्नार एकिलोफ़

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तुम्हारा चेहरा है मातमी
मुँह को घेरे हुए है एक स्याह लकीर
आँखें ढँकी हुई
तुम मना रही हो मातम
लेकिन अपने मृत बेटे का नहीं
तुम मना रही हो मातम
अपने अकेलेपन का

तभी तो
सभी अकेलों की आँखें मुड़ गई हैं
ओ अकेली ! तुम्हारी ओर

तुम्हारे अकेलेपन का दर्द
है हमारी अकेलेपन की ख़्वाहिश ।