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प्रेम सर्जन है / गुन्नार एकिलोफ़
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प्रेम सर्जन है
प्रेम धँस सकता है छुरी की भाँति तुम्हारे माँस में,
प्रेम कर सकता है हृदय की शल्य-चिकित्सा,
प्रेम कर सकता है तुम्हारा खतना,
शायद तुम मानो नहीं,
मगर मैं जानता हूँ : प्रेम
रेंग सकता है
तुम्हारी त्वचा में, तुम्हारे रोम में, तुम्हारी चाल में
प्रेम के वास्ते कोई उपचार नहीं,
सिवाय सर्जन की छुरी के ।