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सरस्वती वंदना / मनोज झा

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जय सरस्वती जय शारदे,
माँ भगवती मुझे उबार दे।

है घन घमंड से घिरा ज्ञान,
माँ कर दे मेरा परित्राण।

कहते तुमको जगतीख्याता,
तू रख ले मेरा स्वाभिमान।

हे बुधमाता! मुझे प्यार दे,
माँ भगवती मुझे उबार दे॥ जय...॥

जीवन में हैं कुंठित विचार,
जीने के नहीँ हैँ तत्व सार।

हे वरदायिनी तू एक बार
बन जा मेरे जीवन आधार।

जीवन में नया बहार दे,
हे भारती मुझको तार दे॥ जय...॥

हे भुवनेश्वरी! हे चन्द्रकांति!
हे वागेश्वरी! भरदे तू शांति।

मैं एक पग भी चल नहीं सकता,
बिन तेरे हे कुमुदीप्रोक्ता!

हंसवाहिनी मुझे सुधार दे,
ब्रह्मचारिणी मुझे सँवार दे॥ जय ...॥