सड़क का पत्थर चलने से घिस जाए,
वो बांस का वन ख़ूब फूल खिलाए,
पहाड़ों में गूँजें जबबन्दरों की चीख़ें,
हमारी खिड़की पर सूरज खिल जाए ।
गहरी छाया ले जब बादल घिर आएँ,
झील का नीला जल तब दिल बहलाए,
श्वेत बगुले और सारस उड़ें ताल पर,
मैं भी उनके साथ उड़ूँ वे मुझे बेहद भाएँ ।
रूसी से अनुवाद : अनिल जनविजय