भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरे शब्द / महमूद दरवेश

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:56, 21 सितम्बर 2008 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=महमूद दरवेश |संग्रह=फ़िलीस्तीनी कविताएँ / महमू...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

जब मिट्टी थे मेरे शब्द मेरी दोस्ती थी गेहूँ की बालियों से

जब क्रोध थे मेरे शब्द ज़ंजीरों से दोस्ती थी मेरी

जब पत्थर थे मेरे शब्द मैं लहरों का दोस्त हुआ

जब विद्रोही हुए मेरे शब्द भूचालों से दोस्ती हुई मेरी

जब कड़वे सेब बने मेरे शब्द मैं आशावादियों का दोस्त हुआ

पर जब शहद बन गए मेरे शब्द मक्खियों ने मेरे होंठ घेर लिए


(अनुवाद : गीत चतुर्वेदी)