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तुम्हारी तरह / रॉक डाल्टन

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तुम्हारी तरह मैं भी
प्रेम करता हूँ प्रेम से, ज़िन्दगी,
चीज़ों की मोहक सुगन्ध, और जनवरी
के दिनों के आसमानी रंग के भूदृश्यों से ।

और मेरा भी ख़ून खौल उठता है
और मैं हंसता हूँ आँखों से
जो जानती रही हैं अश्रुग्रन्थियों को ।

मेरा मानना है कि दुनिया ख़ूबसूरत है
और रोटी की तरह कविता भी सबके लिए है ।

और मेरी नसें सिर्फ़ मेरे भीतर नहीं
बल्कि उन लोगों के एक जैसे ख़ून तक भी फैली हैं
जो लड़ते हैं ज़िन्दगी के लिए,
प्रेम,
छोटी-छोटी चीज़ों,
प्राकृतिक भूदृश्यों और रोटी के लिए,

जो कविता है हर किसी की ।
 
अनुवाद मनोज पटेल