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बेंजामाँ पीरे

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बेंजामाँ पीरे
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जन्म रिजे, फ़्रांस
निधन 18 सितम्बर 1959
उपनाम बेंजामिन पेरेट (Benjamin Péret अँग्रेज़ी उच्चारण)
जन्म स्थान 04 जुलाई 1899
कुछ प्रमुख कृतियाँ
अटलाण्टिक से गुज़रने वाले यात्री (1921), पत्थरों के बीच सोइए (1927), बण्डलों के पीछे से (1934), मैं उदार (1936), वह रोटी नहीं खाता मैं (1936), कवियों का अनादर (1945), अन्तिम शोक, अन्तिम अवसर (1945), बस, इतनी ही देर (1946)
विविध
’अतियथार्थवादी क्रान्ति’ नामक पत्रिका के सम्पादक (1924)। 1928 में द ग्रेट गेम (Le Grand Jeu) के नाम से अपनी पत्रिका निकाली। 1929 में ब्राजील चले गए, जहाँ से 1931 में कम्युनिस्ट प्रचार करनेके आरोप में निष्कासित कर दिए गए। ब्राजील में बेजामाँ पीरे ने ब्राजीली कम्युनिस्ट लीग नामक एक पार्टी की स्थापना की थी, जो ट्रॉटस्की की कम्युनिज्म की अवधारणा पर ही चलती थी। फ़्रांस वापिस लौटकर स्पेन में गृहयुद्ध शुरू होने के बाद वे स्पेन चले गए और
वहाँ पिनो डी एब्रो में अराजकतावादी मिलिशिया में शामिल हो गए। वहाँ से फ़्रांस वापस *लऊत आए। लेकिन 1940 में उन्हें उनकी राजनीतिक गतिविधियों के कारण जेल में डाल दिया गया। अपनी रिहाई के बाद, वह प्राचीन कोलम्बियाई मिथकों और अमेरिकी लोककथाओं का अध्ययन करने के लिए अमेरिका-आधारित आपातकालीन बचाव समिति की सहायता से मैक्सिको के लिए रवाना हुए, जहाँ से वे अमेरिका जाना चाहते थे लेकिन कम्युनिस्ट विचारधारा होने के कारण ऐसा करने में असमर्थ थे, इसलिए बेजामाँ पीरे अपने साथी, स्पेन के चित्रकार रेमेडियोस वरो के साथ मैक्सिको में ही रह गए।
जीवन परिचय
बेंजामाँ पीरे / परिचय
कविता कोश पता
www.kavitakosh.org/

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