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नंगे पाँवों की याददाश्त / ग्रिगोरी बरादूलिन

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नंगे पाँवों की भी अच्छी होती है याददाश्त
उसमें बरसों तक अक्षुण्ण बने रहते हैं
रेत के टीले
और शलजम के खेत
यौवन की राहें
सौंदर्य का आरम्भ
और घाटियों की घास ।

उन क़दमों की पहली आहट
उन नंगे पाँवों का चलना...
अब भी बची हैं सदियों पुरानी चरागाहें
और पगडंडियों पर चला यौवन ।

तैयार खड़ी रहती थी
दवाई के गुणों वाली पत्तियाँ-
पेट में दर्द हो या जलन
सब बीमारियों का वे होती थीं इलाज ।

व्यर्थ नहीं जाएगी
नंगे पाँवों की याददाश्त
भटकने नहीं देती वह
पराए दरवाज़ों और पराए आँगनों में ।


रूसी से अनुवाद : वरयाम सिंह