आदरणीय,
अब तो आप 
पूर्णतः मुक्त जन हो !
कम्प्लीट्ली लिबरेटेड...
जी हाँ कोई ससुरा 
आपकी झाँट नहीं 
उखाड़ सकता, जी हाँ !!
जी हाँ, आपके लिए 
कोई भी करणीय-कृत्य 
शेष नहीं बचा है
जी हाँ, आप तो अब
 
इतिहास-पुरुष हो 
...
स्थित प्रज्ञ—
निर्लिप्त, निरंजन...
युगावतार !
जो कुछ भी होना था 
सब हो चुके आप !
ओ मेरी माँ, ओ मेरे बाप !
आपकी कीर्ति-