Last modified on 19 फ़रवरी 2009, at 03:50

हर मुलाकात के बाद / अरुणा राय

Kumar mukul (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 03:50, 19 फ़रवरी 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: जो चीज हममें कामन थी वो था हमारा भोलापन और बढता गया वह हर मुलाकात क...)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)

जो चीज हममें कामन थी वो था हमारा भोलापन और बढता गया वह हर मुलाकात के बाद पर दुनिया हमेशा की तरह केवल सख्‍तजां लोगों के लिए सहज थी सो हमारा सांस लेना भी कठिन होता गया

और अब हम हैं

मिलते हैं तो गले लग रोते हैं अपना आपा खोते हैं फिर मुस्‍कुराते हंसते और विदा होते हैं