Last modified on 28 अगस्त 2009, at 20:14

चिट्ठी का भूगोल / तारादत्त निर्विरोध

Shrddha (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 20:14, 28 अगस्त 2009 का अवतरण

मिस्टर आलू गोल मटोल

पढ़ने बैठे चिट्ठी खोल ।

देखे टेढ़े-मेढ़े अक्षर

नाक सिकोड़ा, पीछे हँसकर ।

बोले, आना इधऱ विटोल

देखो नक़्शा यह अनमोल ।

लगता है फिर पापाजी ने

मम्मी जी को, लिख भेजा है

चिट्ठी में सारा भूगोल ।