भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए
सदस्य:अनिल जनविजय
Kavita Kosh से
Dr shyam gupta (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 23:16, 27 अप्रैल 2009 का अवतरण (ageet vidhaa ke pramukh kavi)
जन विजय जी,
अगीत के प्रमुख कवि हैं--
१. श्री रन्ग नाथ मिश्रा "सत्य"---सन्स्थापक,प्रवर्तक,व सम्पादक अगीतायन साप्ताहिक-राजाजिपुरम लख्ननऊ से। २. डा श्यम गुप्त -सुश्यानिदी ,के-३४८,आशियाना, लख्ननऊ-२२६०१२ ३.श्री पार्थो सेन-राजाज़िपुरम लख्ननऊ ४ श्री सोहन लाल सुबुद्द