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समुन्दर : एक / शीन काफ़ निज़ाम
Kavita Kosh से
मुन्तशिर<ref>उद्दिग्न</ref> हो कर भी
तुम
कितने मुनज्ज़म<ref>संघटित</ref>
मलगजी माहौल में
कितने मुनव्वर<ref>दीप्त</ref>
मुख्तलिफ़<ref>विभिन्न</ref>सम्तों में चलते
अपनी जानिब
मुज़्तरिब<ref>बेचैन</ref>रक़्साँ<ref>नृत्य</ref> करते हुए रवाँ<ref>प्रवाहित</ref>
तुम
फिर भी जामिद<ref>जड़</ref>
करते जाते
आप अपने से
तसादुम<ref>संघर्ष</ref>
इक तलातुम<ref>प्रचंड लहरें</ref>
और इक अज़ली तरन्नुम<ref>आदि संगीत</ref>