बादल पराये हैं ।
- इसीलिये शायद ये जन-मन को भाये हैं ।
- पल भर रहेंगे ये,
- दुख नहीं सहेंगे ये,
- भार लिये धाराधर मुझ पर झुक आये हैं ।
- अपने जो: देते सुख,
- दूसरे भले दें दुख-
- आँसू के कन मैंने इनसे ही पाये हैं ।
- बादल पराये हैं ।
आसमान अपना है ।
- जैसे मुझको वैसे इसको भी तपना है ।
- भागे तो जाय कहाँ,
- मुक्ति भला पाय कहाँ,
- उसको तो इसी जगह मरना है, खपना है ।
- और भी समानता
- मैं हूँ पहचानता-
- आसमान भी, मैं भी : सब कैसा सपना है ।
- आसमान अपना है ।