भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

इन्तज़ार / राहुल झा

Kavita Kosh से
अनिल जनविजय (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 13:58, 26 दिसम्बर 2009 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKRachna |रचनाकार=राहुल झा |संग्रह= }} {{KKCatKavita}} <Poem> बहुत समय से नहीं हुई …)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

बहुत समय से
नहीं हुई बारिश...

सूने... तपते पहादओं के बीच
ठहरी हुई एक बेचैन नदी
इन्तज़ार में है...!