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आदमी - 2 / पंकज सुबीर

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कल उसने सचमुच चौंका दिया था मुझको
यह कह कर कि तुम एक बेईमान आदमी हो.....।
हतप्रभ रह गया था मैं,
क्या बेईमान होना, और आदमी होना,
दो अलग अलग बातें हैं ....?
और यदि हैं,
तो आख़िर फर्क क्या है....?
बेईमान होने में
और आदमी होने में ....?