भारत की संस्कृति के लिए... भाषा की उन्नति के लिए... साहित्य के प्रसार के लिए

मेरी बहन / दो नैना मतवारे

Kavita Kosh से
Sandeep Sethi (चर्चा | योगदान) द्वारा परिवर्तित 00:54, 22 फ़रवरी 2010 का अवतरण (नया पृष्ठ: {{KKGlobal}} {{KKFilmSongCategories |वर्ग=अन्य गीत }} {{KKFilmRachna |गायक=के.एल.सहगल }} <poem>दो नैना मतव…)

(अंतर) ← पुराना अवतरण | वर्तमान अवतरण (अंतर) | नया अवतरण → (अंतर)
यहाँ जाएँ: भ्रमण, खोज

रचनाकार: अज्ञात                 

दो नैना मतवारे तिहारे - २, हम पर ज़ुल्म करे
दो नैना मतवारे तिहारे - २, हम पर ज़ुल्म करे
नैनों में रहे तो, सुध बुध खोये - २
छुपे तो चैन हरे

दो नैना मतवारे तिहारे - २, हम पर ज़ुल्म करे
तन तन के चलाए तीर, नस नस में उठाए पीर - २
मदभरे रसीले निठोर बड़े, न डरे न धर धरे
दो नैना मतवारे तिहारे - २, हम पर ज़ुल्म करे

जब होती हो तुम उस पार, नस नस में उठाए पीर - २
मन की बीना के बज उठते, जोर जोर से तार
दो नैना मतवारे तिहारे - २, हम पर ज़ुल्म करे

पास आए तो ऐसे भूल गए, पल ख्यन में सब कुछ भूल गए - २
खुशियों के सोते उबल पड़े, हर अंग तो रंग भरे
दो नैना मतवारे तिहारे - २, हम पर ज़ुल्म करे