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मुहब्बत के फूल / हरकीरत हकीर

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मैंने बीजे हैं
कुछ मुहब्बत के फूल
अबके होली में....

इन्हें सींचना तुम

वो सुर्ख रंग
जो तलाशते थे तुम
इन्हीं में है....